दत्तराज देशपांडे, बैंगलोर से ऋग्वेद के घनापथी और दशग्रंथी हैं। उनकी पूरी शिक्षा मौखिक परंपरा या गुरु-शिष्य परंपरा के माध्यम से हुई है। वे कर्नाटक संस्कृत विश्वविद्यालय से स्वर्ण पदक विजेता हैं। वर्तमान में वह भारतीय शिक्षण मंडल में पूर्णकालिक स्वयंसेवक हैं और गुरुकुल शिक्षा प्रणाली के पुनरुद्धार की दिशा में कार्यरत हैं।


दत्तराज देशपांडे के संगम व्याख्यान