औरंगज़ेब – सूफ़ी या अत्याचारी? | नीरज अत्रि

हालाँकि कुछ इतिहासकार औरंगज़ेब को एक दयालु शासक के रूप में पेश करने की कोशिश करते हैं, लेकिन वास्तव में वह एक धार्मिक कट्टरपंथी और अत्याचारी था। हम हिंदुओं पर औरंगजेब द्वारा किए गए अत्याचारों के बारे में सच्चाई जानने के लिए जदुनाथ सरकार के ‘अखबारात’ के अनुवाद का उल्लेख देखा जा सकता है। जिस क्षण वह सिंहासन पर बैठा, उसने हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने के आदेश जारी करके अपने चरमपंथी मुद्दे की शुरुआत कर दी। एक स्पष्ट संदर्भ उपलब्ध है कि उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर और साथ ही मथुरा में केशव राय मंदिर को गिराने का आदेश दिया। उसकी धार्मिक कट्टरता असीम थी, इसके क्रूर उदाहरणों को स्पष्ट देखा जा सकता है जब उसने शिवाजी के बेटे शंभू जी की हत्या कर दी थी और अपने आदमियों को उनके सिर को घास से भरने और सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने का आदेश दिया था। इसी तरह से, उसने सिख गुरु तेग बहादुर जी को प्रताड़ित किया और उन्हें मृत्युदंड दिया। हिंदुओं को परिवर्तित करने के लिए उसने उन पर जजिया कर लगाया। उसके शासनकाल के दौरान हजारों हिन्दू / जैन मंदिरों को तुड़वाया। हिंदुओं का अपमान करने के लिए उनके मंदिरों की मूर्तिओं को तोड़ कर मस्जिदों की सीढ़ियों पर लगवाया गया। कुछ लोग उसकी एक नरम छवि पेश करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह एक बेहद असहिष्णु शासक था, जिसने हिंदुओं को परेशान करने और उन्हें इस्लाम में परिवर्तित करने का कोई अवसर नहीं छोड़ा।


वक्ता-परिचय: –

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