बोस 1939 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे, लेकिन महात्मा गांधी और नेहरू के साथ राजनीतिक मतभेदों के कारण उन्होंने उसे छोड़ दिया। वह भारत से पलायन करने के बाद, पहले हिटलर की जर्मनी गए, और बाद में जापान, जहां उन्होंने 1943 में 40,000 सैनिकों की मजबूत भारतीय राष्ट्रीय सेना का पुनर्गठन किया. जो की 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के पश्चात अंग्रेजों के विरुद्ध पहला सैन्य प्रतिरोध था।
ऐसा माना जाता है की, जापान द्वारा मित्र देशों की सेना के सामने आत्मसमर्पण के तीन दिन बाद, बोस की (48 की आयु में) 18 अगस्त 1945 को ताइवान में एक रहस्यमय विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गयी। उनकी मृत्यु के रहस्य पर वर्षों तक पर्दा पड़ा रहा। क्योंकि उससे सम्बंधित सभी फाइलें प्रधान मंत्री कार्यालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के पास धुल खाती रही और आने वाली सभी सरकारों ने दशकों तक उन पर प्रतिबन्ध बनाये रखा। अनुज धर, ‘इंडियाज बिगेस्ट कवर-अप’ के लेखक, ने पहली बार जनवरी 2015 में राष्ट्रीय अभिलेखागार में इन फाइलों को देखा।
वक्ता-परिचय: –

अनुज धर ने एक दशक से अधिक समय तक सुभाष चंद्र बोस के रहस्यपूर्ण ढंग से गायब होने के मुद्दे पर शोध किया है। उनकी 2012 की सर्वश्रेष्ठ विक्रित पुस्तक ने बोस फाइलों के गैर-गोपनीयता की मांग को गति दी। आगे…