बांगलादेश और म्यानमार के अल्पसंख्याको कें प्रति दुनिया का दृष्टीकोन पूरी तरहसे अलग है और अधिकांशरुपसे पक्षपाती है. म्यानमार के रोहिंग्या मुसलमान हत्याकांडपर आवाज उठानेवाले सेक्युलर, विचारवन्त और मानवाधिकार कार्यकर्ता, बांगलादेश मे हुए हिंदू और बौद्ध नरसंहार पर चूप है. यह प्रवृत्ती चुनिंदा मानवता कहलाती है. मुसलमान-बहुसंख्य बांगलादेशके बौद्ध शरणार्थी और बौद्ध-बहुसंख्य म्यानमारके रोहिंग्या मुसलमान शरणार्थी हिंदू-बहुसंख्य भारत में आसरा ले रहे है. मुसलमान, ख्रिश्चन, पारसी, ज्यू, बौद्ध सभी भारत में सुरक्षित है. लेकीन हमें हमेशा सावधान रहकर यह ध्यान रखने की आवश्यकता है, की कही हमारे पड़ोसी देश हमारे इस सद्गुण का अनुचित लाभ ना उठाए और हमारा ये सद्गुण कही सद्गुण- विकृती ना बन जाए.
वक्ता-परिचय: –

श्री अक्षय जोग व्यवसाय से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर हैं । वे विश्व शरणार्थी समस्या , बांग्लादेशी अल्पसंख्यक, रोहिग्या समस्या के साथ हिंन्दुत्व एवं राष्ट्रवाद के गूढ़ चिंतक हैं । इन विषयों पर २ पुस्तकें लिख चुके हैं तथा टीवी पर चर्चाओं में भाग लेते हैं |आगे…