
रांची, झारखंड की निवासी रफिया नाज़ 4 वर्ष की आयु से ही योगाभ्यास कर रही हैं। उन्होंने योग में डिप्लोमा किया है व राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर के 52 स्वर्ण पदकों से पुरष्कृत हो चुकी हैं। रफिया ने अपना जीवन भारतीय योग संस्कृति को बचाने तथा इसे पिछड़ी जातियों एवं अनाथों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए खतरे में डाल दिया। उन्हें उनकी हत्या के कई षड्यंत्रों, फतवों एवं गंभीर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, परंतु इन सब कोलाहलों के बावजूद उन्होंने ‘ योग बियॉन्ड रिलिजन ‘ नामक संगठन की स्थापना की तथा आज तक हजारों की संख्या में छात्रों को प्रशिक्षित कर चुकी हैं। उन्होंने रांची के सबसे बड़े मदरसे के अंदर योग का आयोजन किया और वे अनवरत अपनी यात्रा पर अग्रसर हैं।